ज़माने से शिकायत क्यों ?
हर ज़ुबान पर शिकायत होती है कि ज़माना बदल गया है,
लोग बदल गए हैं,
लेकिन कहाँ---?
आज भी वही चाँद सितारे हैं, वही सूरज है और वही ज़मीन है ।
आज भी दिन के बाद रात आती है और रात के बात दिन ।
आज भी धनक के सात रंग मौजूद हैं, उनमें कोई नए रंग शामिल नहीं हुए ।
आज भी संगीत के सात सुर हैं और उन की धुन सुन कर दिल में सुरूर पैदा होता है ।
आज भी मोहब्बत में दिल धड़कता है और नफरत में दिल जलता है |
आज भी इंसान में कुछ पाने की चाह और ललक उतनी ही है, जितनी पहले हुआ करती थी ।
आज भी लोग खुश होते हैं तो चेहरे पर नूर आता है, जिंदगी खूबसूरत हो जाती है ।
आज भी लोग रोते हैं तो उनकी आंखों से खारे आंसू बहते हैं ।
फिर क्या बदला है ?
हाँ ___!
बदला है तो सिर्फ इंसान ।
इंसान के जज्बात ।
इंसान की रूह ।
यानी _
समंदर वही है सिर्फ कश्तियां बदल गई हैं।
मौजे वही हैं, सिर्फ मौजों से लड़ने वाले हौसले और अरमान बदल गए हैं ।
राहें वही हैं, बस रहगुज़र बदल गए हैं।
और कुछ नहीं________ और कुछ नहीं
और कुछ नहीं________ और कुछ नहीं
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