बच्चों के दिल की परवरिश कैसे करना चाहिए
इस ब्लॉग में आप पढ़ सकते हैं कि बच्चों के शरीर और दिमाग को तंदुरुस्त रखने के साथ-साथ दिल को भी कैसे तंदुरुस्त रखा जासकता है इंसान का व्यवहार और बर्ताव (behavior) बहूत महत्वपूर्ण (important) होता है। क्योंकि दुनिया में इंसान की पहचान ही अच्छे या बुरे व्यवहार से होती है और इस व्यवहार को सिखाने की जिम्मेदारी मां-बाप के कंधों पर है। बच्चों की नैतिक और धार्मिक शिक्षा का इंतजाम करना माता-पिता का धर्म और कर्तव्य है। क्योंकि बचपन में जो आदत पड़ जाती है, बुढ़ापे तक वो आदत क़ायम रहती है। अगर औलाद को बचपन में ही गलत माहौल, गलत सोसाइटी और गलत रास्ते पर डाल दिया गया तो जवान होकर भी वह उसी गलत रास्ते और तरीक़े का इंतखाब (सिलेक्शन) करेगा। यानी अगर बच्चों की परवरिश में लापरवाही बरती गई, और उसे सही और गलत की तमीज़ ना सिखाई गई तो बच्चा ना सिर्फ मां बाप के लिए बल्कि पूरे देश, समाज और इंसा